मुख्यमंत्री बने रहने के लिए चुनाव जीतना ही पहला और आखिरी विकल्प, भाजपा का दावा विजय बहुगुणा का रिकॉर्ड तोड़ नया इतिहास रचेंगे धामी

देहरादून। उत्तराखंड में चंपावत उपचुनाव सियासी केंद्र बना हुआ है। आज पार्टी के तमाम दिग्गजों के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नामांकन कराया। चंपावत में 31 मई को उपचुनाव होना है और 3 जून को नतीजा आएगा। सीएम के सामने कांग्रेस ने महिला प्रत्याशी निर्मला गहतोड़ी को मैदान में उतारा है। बता दें, कि धामी को सीएम की कुर्सी पर बने रहने के लिए उपचुनाव जीतना जरूरी है। वह खटीमा से विधानसभा चुनाव हार गए थे।
सीएम धामी बोले-क्षेत्र की हर समस्या से वाकिफ
इससे पूर्व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खटीमा में कहा था कि क्षेत्र की हर समस्या से वाकिफ हूं। शारदा सागर क्षेत्र में आने वाले सातों गांवों को जलभराव और जमीन संबंधी समस्या का जल्द ही निस्तारण किया जाएगा। रविवार को तराई नगरा गांव स्थित अपने आवास पर जन समस्याएं सुनते सीएम ने कहा था कि खटीमा की जनता के बल पर ही आज वह प्रदेश के मुखिया बने हैं। खटीमा के विकास कार्यों पर पूरी नजर बनी हुई है।
जनता का किया आभार व्यक्त
सीएम धामी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि जो प्यार और आशीर्वाद मुझे जनता से मिला है वह अभूतपूर्व है। मुझे यकीन है कि आगे भी जनता से मुझे यह प्यार मिलता रहेगा। सीएम ने कहा कि प्रदेश सरकार जनता के हित में अहम फैसले ले रही है। जनता को इसका लाभ मिले इसके भरसक प्रयास किए जा रहे हैं।
गोलज्यू सर्किट को किया जाएगा विकसित
जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि चंपावत गुरु गोरखनाथ की भूमि है। उन्होंने बताया कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने उत्तराखंड दौरे के दौरान कहा था कि वह चंपावत गुरु गोरखनाथ के दर्शन के लिए पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि गोलज्यू सर्किट को विकसित किया जाएगा।
चंपावत पिथौरागढ़ और मैदान को जोड़ने का काम करेगा
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा कि चंपावत पिथौरागढ़ और मैदान को जोड़ने का काम करेगा। सीएम ने कहा कि जब मेरा परिवार डीडीहाट से खटीमा जाता था तो बीच में चंपावत पड़ता था। मेरी मां कहती थी कि चंपावत के लोग बहुत ही अच्छे हैं और व्यवहारिक होते हैं। विधायक कैलाश गहतोड़ी यह साबित किया है। उन्होंने कहा कि चंपावत के विकास के लिए कोई कसर नहीं छोडूंगा।
उपचुनाव में कांग्रेस हताश
जनता को संबोधित करते प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि चंपावत के उपचुनाव में कांग्रेस हताश है। उनकी घबराहट से साफ लग रहा है कि कांग्रेस ने हार मान ली है। यहां पत्रकारों से वार्ता करते हुए उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस इस कदर डरी हुई है कि उसने अपने दूसरे नंबर के प्रत्याशी को मैदान में उतारा है। उपचुनाव में प्रदेश में नया इतिहास रचा जाएगा।
अलग अंदाज में दिखे सीएम धामी
चंपावत उपचुनाव के नामांकन से लेकर जनसभा तक सीएम पुष्कर सिंह धामी का आज अलग ही अंदाज नजर आया। सीएम धामी के साथ ही उनके समर्थकों का उत्साह भी हाई दिखा। रोड शो के जरिए जहां उन्होंने शक्ति प्रदर्शन किया, वहीं जनसभा में उमड़ी भीड़ देखकर वह गदगद नजर आए। उन्होंने जनता का आभार व्यक्त किया।
चंपावत की जनता विधायक नहीं सीएम चुनने जा रही
जनसभा को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि चंपावत की जनता विधायक नहीं सीएम चुनने जा रही है। जोशी ने कहा कि मैंने सीएम धामी के सामने मसूरी से चुनाव लड़ने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन उन्होंने गोलू देवता की पावन धरती को चुना। उन्होंने कहा कि यह चुनाव उत्तराखंड के विकास का है।
सबसे अधिक वोटों के अंतर से उपचुनाव जीतने का रिकॉर्ड बहुगुणा के नाम
सबसे अधिक वोटों के अंतर से उपचुनाव जीतने का रिकॉर्ड मुख्यमंत्री के तौर पर विजय बहुगुणा का है। 2002 में तत्कालीन मुख्यमंत्री एनडी तिवारी ने रामनगर विस से चुनाव जीता था। उन्होंने भाजपा के राम सिंह को 9693 वोटों के अंतर से हराया था। 2007 में भाजपा की सरकार बनीं तो जनरल बीसी खंडूड़ी ने धुमाकोट से उपचुनाव लड़ा। खंडूड़ी के कांग्रेस के सुरेंद्र सिंह नेगी को 14171 मतों के अंतर से हराया। 2012 में कांग्रेस सरकार के तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा सिंतारगंज विस सीट से उपचुनाव लड़े। भाजपा ने उनके खिलाफ प्रकाश पंत को मैदान में उतारा। बहुगुणा ने यह चुनाव 40154 वोटों के अंतर से जीता। 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने धारचूला से उपचुनाव लड़ा। भाजपा ने उनकी टक्कर भानु दत्त को मैदान में उतारा। रावत 20600 वोटों के अंतर से चुनाव जीते।
जीत के साथ वोटों के अंतर का रिकॉर्ड तोड़ने की चुनौती
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सामने पांच साल मुख्यमंत्री बने रहने के लिए चुनाव जीतना ही पहला और आखिरी विकल्प है। साथ ही उन पर अब तक उपचुनाव जीते मुख्यमंत्रियों के वोटों के अंतर का रिकॉर्ड तोड़ने की चुनौती का दबाव भी रहेगा। उत्तराखंड में मुख्यमंत्रियों के उपचुनाव का इतिहास जीत का रहा है।